बैकलिंक ऐसे लिंक होते हैं जो की उत्पन्न होते है जब एक साइट किसी दूसरे साइट को लिंक करता है.
बैकलिंक को (बहुत से नामों से संभोदित किया जाता है जैसे की “inbound links”, “incoming links” या “one way links”. दूसरे शब्दों में कहें तब बैकलिंक को आप वोट्स भी मान सकते हैं.
कहने का तात्पर्य ये है की गूगल हो कोई दूसरा सर्च engine इन बैकलिंक को “votes” मानते हैं. जिन Pages में ज़्यादा मात्रा में बैकलिंक होते हैं वो अक्सर SERP में उन्हें ऊपर रैंक प्राप्त होता है. ध्यान दें की हमेशा ऐसा नहीं होता, क्यूँकि सर्च रैंकिंग के कई दूसरे फ़ैक्टर भी होते हैं.
बैकलिंक के विषय में कुछ जानकारी
बहुत से ब्लॉगर आज इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि backlinks क्या हैं और backlinks कैसे बनाते हैं. हालांकि, यदि आपके पास एक ब्लॉग या वेबसाइट है, और आप Google सर्च इंजन से वेबसाइट पर बहुत सारे मुफ्त ट्रैफ़िक और विजिटर प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको एक बैकलिंक बनाने की आवश्यकता है.
Backlinks, Off Page SEO का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. और, इससे आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग की सर्च इंजन रैंकिंग को बेहतर बना सकते हैं.
क्योंकि, वेबसाइट की गुणवत्ता backlinks जितनी अधिक होगी, आपके ब्लॉग का डोमेन अथॉरिटी उतना ही बेहतर होगा. याद रखें, आपकी वेबसाइट का डोमेन अथॉरिटी जितना बेहतर होगा, उतना ही Google आपके पोस्ट को उसके सर्च परिणामों में बेहतर स्थान पर रैंक करेगा. इससे Google से आपके ब्लॉग पर आपके द्वारा अपेक्षित ट्रैफ़िक की मात्रा बढ़ जाएगी.
वेबसाइट का Domain Authority (DA) जितना बेहतर होगा, Google की नज़र में वेबसाइट की क्वालिटी उतनी ही बेहतर होगी और इसलिए सर्च रिजल्ट्स में इसकी अहमियत है. ब्लॉगिंग में सफल होने के लिए, आपके ब्लॉग में बहुत सारे ट्रैफ़िक या सर्च इंजन के विज़िटर होने चाहिए. और इसलिए, आज या कल, आपको आज अपने ब्लॉग के लिए backlinks बनाना शुरू करना होगा.
याद रखें, Google सर्च इंजन से अपनी वेबसाइट पर नियमित ट्रैफ़िक प्राप्त करने के लिए, आपको शुरुआत से एक बैकलिंक बनाना होगा. इसके अलावा, इन बैकलिंक्स को बनाने की प्रक्रिया हर समय जारी रखनी चाहिए.
लेकिन, आपके जैसे कई ब्लॉगर हैं जो नहीं जानते हैं कि बैकलिंक का मतलब क्या है और बैकलिंक्स कैसे बनाते हैं. परिणामस्वरूप, उन्हें Google सर्च इंजन से बहुत कम ट्रैफ़िक मिल रहा है.
वेबसाइट बैकलिंक की परिभाषा क्या है?
सीधे शब्दों में कहें तो बैकलिंक्स सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. ब्लॉग के डोमेन अथॉरिटी, सर्च इंजन प्रेफरेंस और सर्च इंजन रैंकिंग को बढ़ाने के लिए हमें वेबसाइट पर बैकलिंक्स बनाने की जरूरत है.
सीधे शब्दों में कहें तो Backlinks का अर्थ है कि आपकी वेबसाइट का “URL” किसी अन्य वेबसाइट पर पब्लिश करना होता है. और, इस तरह से आपको उस वेबसाइट से अपनी वेबसाइट के लिए एक एक्सटर्नल लिंक मिलता है.
फिर, उन बैकलिंक या एक्सटर्नल लिंक के माध्यम से, आपकी वेबसाइट पर Google बॉट्स लिंक जूस भेज देते हैं. इससे आपके ब्लॉग में Google का विश्वास बढ़ता है और वेबसाइट की Google सर्च रैंकिंग में सुधार होता है.
बैकलिंक्स के प्रकार
नीचे, मैं आपको बैकलिंक के कुछ प्रकारों और अंतरों के बारे में बताऊंगा. इससे आप backlinks के मामले को और अधिक स्पष्ट रूप से जान पाएंगे.
क्या बैकलिंक्स ज़रूरी हैं ब्लॉग रैंक करने के लिए?
जी बिलकुल बैकलिंक्स बहुत ही ज़रूरी होते हैं ब्लॉग रैंक करने के लिए. ऐसा इसलिए क्यूँकि बैकलिंक्स के होने से सर्च engine को अच्छे कांटेंट होने के सिग्नल मिलते हैं. यूँ कहे तो जितनी बेहतर क्वालिटी की बैकलिंक्स उतनी ज़्यादा चैन्सेज़ है आर्टिकल रैंक होने के सर्च engine पर.
बैकलिंक कैसे दिखायी पड़ते हैं?
बैकलिंक आम लिंक के तरह ही दिखायी पड़ते हैं. इसमें कुछ अनोखी चीज़ नहीं होती है. ये बस एक ज़रिया है जिससे की कोई विज़िटर एक वेबसाइट से दूसरे में जा सकता है.
क्या बिना बैकलिंक के आर्टिकल रैंक किया जा सकता है?
जी हाँ बिना बैकलिंक के भी आर्टिकल रैंक किया जा सकता है. लेकिन यहाँ आपको ये समझना है की यदि कोई कीवर्ड competitive होता है तब ऐसे में आपको ज़रूर से कुछ बैकलिंक चाहिए होते हैं. अन्यथा आप अच्छा कांटेंट लिखकर और सही तरीक़े से On Page SEO, Off Page SEO के दम पर भी अपने आर्टिकल कर सकते हैं.
अंतिम शब्द
तो दोस्तों आपको अभी तक बैकलिंक क्या है और उसके प्रकार के बारे में बहुत कुछ मालूम पड़ गया होगा. वैसे देखा जाए तो ये टॉपिक बैकलिंक बहुत ही बड़ा है और इसमें ढेर सारे चीजें आते हैं. वहीं यहाँ पोस्ट पर मैंने सभी ज़रूरी चीजों को कवर कर दिया है.
बैकलिंक के बारे में पूर्ण ज्ञान बहुत ही ज़रूरी होता है क्यूँकि इसे अगर सही ढंग से ना किया जाए तब इससे आपको आगे चलकर परेशानी भी हो सकती है. तो इसलिए मेरी आपसे विनती है की आप इन टॉपिक को ध्यान से पढ़ें और बतायी गयी चीजों को ज़रूर से implement करें.
अगर आपको मेरी यह आर्टिकल बैकलिंक क्या है और इसके प्रकार पसंद आई और आपको कुछ नयी जानकारी पढने को मिली हो तब आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है. अगर आपका कुछ सुझाव है तो निचे कमेंट करिए और मेरे साथ YouTube और Instagram पे जुड़िये.