Google Webmaster Guidelines क्या है?

गूगल आर्टिकल गाइड्लायन ऐसे नियमों को कहा जाता है जिन्हें इस्तमाल कर आप अपने आर्टिकल को गूगल के सर्च में आसानी से रैंक करा सकते हैं. यूँ कहे तो ये वो दिशा निर्देश होते हैं जो की गूगल चाहता है सभी वेबमास्टर अपने ब्लॉग पर इस्तमाल करें.

ये कुछ ऐसी निर्देश हैं जिन्हें कि हर ब्लॉगर को अपने आर्टिकल में पालन करना चाहिए.

हर ब्लॉगर के मन में यह सवाल होता है कि ब्लॉग के लिए आर्टिकल लिखते समय किन बातों का ध्यान रखें. आखिर गूगल को कैसी आर्टिकल पसंद आती है. ऐसा पोस्ट कैसे लिखें जो गूगल में सबसे पहले रैंक करे.

अब सवाल उठता है की क्या सच में आर्टिकल लिखने के लिए गूगल की कोई गाइड्लायन है ?

तो दोस्तों, आप सभी के सवालों का जवाब आपको यहाँ इस पोस्ट में मिलने वाला है. आज इस पोस्ट में हम गूगल क्वालिटी गाइडलाइंस के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे . पर शर्त है की आप इस आर्टिकल को बड़े ध्यान से और पूरा पढ़ेंगे क्यूँकि मेरा मानना है की आधा अधूरा ज्ञान ख़तरनाक होता है.

तो फिर चलिए शुरू करते हैं.

Google Webmaster General Guidelines

यहाँ पर हम गूगल की जेनरल गाइडलाइंस के विषय में जानेंगे जो कि गूगल को मदद करती है आपकी साइट को खोजने, इंडेक्स करने में और साथ में उसे रैंक करने में SERP पर.

आपके वेब पेजेस को खोजने में गूगल की मदद करना

  • कोशिश करें कि साइट के सभी पेज किसी न किसी तरीक़े से किसी दूसरे ऐसे पेज के साथ लिंक हुआ हो जिसे की आसानी से खोजा जा सके. वहीं उस रेफ़रिंग लिंक में या तो टेक्स्ट, इमिज, एक ऑल्ट ऐट्रिब्यूट का इस्तमाल करे जो की सम्बंधित हो आपके टार्गेट पेज के साथ.
  • अपने साइट पर Sitemap page या site index का ज़रूर से इस्तमाल करें. ये गूगल की मदद करता है आपके सभी पेज को इंडेक्स करने के लिए.
  • एक ही पेज पर हद से ज़्यादा लिंक्स कभी ना बनाएँ. यदि उल्टी सीधी लिंक्स बन रखी है तब उन्हें disvow ज़रूर करें.
  • ये सुनिस्चित करें की आपका वेब सर्वर सठिक रूप से If-Modified-Since HTTP header को सपोर्ट करता भी है या नहीं. ये फ़ीचर आपके वेब सर्वर को निर्देश प्रदान करता है गूगल या दूसरे कोई सर्च एंजिन को की आपका कांटेंट बदला गया भी है या नहीं जब से उसे क्रॉल किया गया है गूगल के द्वारा. यानी की आपके पेज अप्डेट हुए हैं या नहीं.
  • Robots.txt file का इस्तमाल करें अपने वेब सर्वर में जिससे की आपका क्रॉलिंग बजट निर्धारित हो सके सही रूप से. साथ में आपके robots.txt file को up to date भी रखें.

आपके वेब पेजेस को समझने में गूगल की मदद करना

  • हमेशा ऐसे कांटेंट बनाने की सोचें जो कि आपके यूज़र के लिए उपयुक्त हो. साथ में उन्हें हमेशा क्लीर और शुद्ध रखने पर ज़ोर दें.
  • कीवर्ड रीसर्च ठीक से करें, ऐसे वर्ड्ज़ या शब्दों का इस्तमाल करें जो की आपके यूज़र सर्च कर रहे होते हैं उनका जवाब पाने के लिए.
  • अपने साइट के डिज़ाइन की स्ट्रक्चर को सठिक रूप से तय करें जिससे की यूज़र और सर्च एंजिन को उसे समझने में आसानी हो. यानी की मुख्य टॉपिक्स और सब टॉपिक्स का सही चुनाव करें.
  • जब आप किसी CMS (content management system) जैसे की Wix या WordPress) का इस्तमाल कर रहे हों, तब ये देखें की वो ठीक रूप से पेज और लिंक्स बना रहे हैं या नहीं जिन्हें की सर्च एंजिन क्रॉल कर पाएँ आसानी से.
  • आप जिन पेज को चाहते हैं की सर्च बोट क्रॉल करे उन्हें आपको अलाउ करना होगा, जिससे की वो आसानी से अपना काम उचित रूप से कर पाएँ.
  • डिफ़ॉल्ट पेज व्यू में अपने साइट के सभी महत्वपूर्ण कांटेंट को स्थापित करें.
  • यदि आप किसी प्रकार का पैड प्रमोशन कर रहे हैं अपने साइट पर तब उन advertisement links पर rel=”sponsored” टैग कर ज़रूर से इस्तमाल करें जिससे की वो लिंक्स आपके सर्च एंजिन रैंकिंग पर असल ना डाले.

आपके वेब पेजेस को इस्तमाल करने के लिए विज़िटर की मदद करना

  • यदि आप कुछ महत्वपूर्ण नाम, कांटेंट या लिंक्स को प्रदर्शित करना चाहते हैं तब हमेशा टेक्स्ट का ही इस्तमाल करें. वहीं यदि आप कोई इमिज का इस्तमाल करना चाहते हैं तब आपको ऐसे में alt attribute में सम्बंधित कीवर्ड का इस्तमाल करना होगा.
  • गूगल रैंकिंग में पेज स्पीड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसलिए अपने पेज को ठीक रूप से ऑप्टिमायज़ करें जिससे की दोनों सर्च एंजिन और यूज़र आपके साइट से खुश हों. आप चाहें तो टूल्स जैसे की PageSpeed Insights और Webpagetest.org का भी इस्तमाल कर सकते हैं अपने पेज की पर्फ़ॉर्मन्स को टेस्ट करने के लिए.
  • अपने साइट को ऐसे डिज़ाइन करें जिससे की वो सभी प्रकार के डिवाइस के लिए ऑप्टिमायज़ हो. यानी की यूज़र को कोई दिक़्क़त ना आए यदि वो कोई दूसरा डिवाइस का इस्तमाल कर रहा है आपके कांटेंट को देखने के लिए. आप मुख्य रूप से ऐसे डिवाइस जैसे की Desktops, tablets, और smartphones को टार्गेट कर सकते हैं.
  • आपका कांटेंट सही रूप से प्रदर्शित हो सभी अलग अलग ब्राउज़र में.
  • हमेशा अपने साइट पर HTTPS का इस्तमाल करें जिससे की आपके साइट की सिक्यरिटी बढ़ सके.

Google Webmaster Quality Guidelines

गूगल की क्वालिटी गाइड्लायन में आपको उन ग़लत टेक्नीक से दूर रहने का निर्देश दिया जाता है जो की आपके साइट को बाद में नीचे ला सकते हैं. चलिए ऐसे ही कुछ तकनीक के ऊपर गौर करते हैं.

  • यदि आपको किसी ऐसी तकनीक के बारे में मालूम पड़ा जो की यहाँ इस गाइड्लायन में बताया नहीं गया है तब उनका बिलकुल भी इस्तमाल ना करें. क्यूँकि ये सोचना की उस तकनीक का इस्तमाल कर आप गूगल को झाँसा दे सकते हैं ये बिलकुल भी सही नहीं है. ऐसे चीजों से खुद को दूर रखें.
  • ऐसे वेबमास्टर जो की गूगल की इन गाइड्लायन का इस्तमाल करते हैं उन्हें आगे चलकर अच्छी रैंकिंग प्राप्त होती है, वहीं को केवल गूगल के लूप्होल को खोजते रहते हैं उनका केवल समय बर्बाद होता है. क्यूँकि एक नए गूगल अप्डेट से उनका सभी तकनीक विफल हो जाता है.
  • यदि आपको लगे की कोई साइट गूगल क्वालिटी गाइड्लायन का पालन नहीं कर रहा है और ग़लत तरीक़ों का पालन कर रहा है तब आपको ज़रूर से एक स्पैम रिपोर्ट फ़ाइल करना चाहिए उस वेब्सायट के विरुद्ध. आगे चलकर गूगल इन रिपोर्ट के मदद से उनके स्पैम डिटेक्शन सिस्टम को ज़्यादा मज़बूत कर सकती है.

कुछ बेसिक प्रिन्सिपल

  • हमेशा कोशिश करें की अपने कांटेंट को यूज़र को ध्यान में रखते हुए लिखें न की सर्च एंजिन को. 
  • कभी भी यूज़र को ग़लत जानकारी देने की चेष्टा ना करें. क्यूँकि आगे चलकर आपको नुक़सान उठाना पड़ सकता है. 
  • किसी भी तरह को कोई ग़लत ट्रिक बिलकुल भी इस्तमाल न करें वो भी सर्च रैंकिंग को बढ़ाने के लिए.  
  • ये कोशिश करें की हमेशा कैसे आप अपने साइट को यूनीक, valuable और ज़्यादा एंगेजिंग बनाएँ. अपने साइट को दूसरों से अलग करने की कोशिश करें. जिससे की यूज़र आपके कांटेंट को ज़्यादा ध्यान देंगे. 

Google Webmaster Specific Guidelines

इन टेक्नीक के इस्तमाल से दूर रहें :

  • Automatically generated content :- बहुत ज़्यादा घातक होता है आगे चलकर. 
  • Link schemes से बचें : ये घटिया क़िस्म के लिंक्स होते हैं जो आपने वेब्सायट अथॉरिटी को ख़राब कर सकते हैं.  
  • ऐसे पेज बनाना जो की किसी से चुराए गए हों. 
  • Cloaking: एक ऐसी तकनीक जिसमें की यूज़र को अलग कांटेंट या URL प्रदान किया जाता है. यानी की लिखा कुछ और दिखा रहे हैं कुछ.  
  • Sneaky redirects: ग़लत तरीक़े से आप यूज़र को ऐसी ऐसी पेज पर ले जा रहे हैं जिसके लिए वो कभी आपके पेज को आया भी नहीं होता है. 
  • Hidden text or links: चालाकी से अपने कांटेंट के भीतर hidden टेक्स्ट और लिंक का इस्तमाल करना जो की किसी भी रूप से आपके कांटेंट से सम्बंधित ना हो. 
  • Doorway pages: ये ऐसे पेज होते हैं जो की असल में लो क्वालिटी के पेज होते हैं, इन्हें बस ऑप्टिमायज़ किया गया होता है ख़ास ढंग से जिससे की वो कुछ स्पेसिफ़िक कीवर्ड के लिए रैंक हों, वहीं ये एक door या दरवाज़ा बन जाता है यूज़र और कांटेंट के बीच में. ये विज़िटर को कोई भी वैल्यू प्रदान नहीं करता है, बल्कि इनका इस्तमाल केवल SEO वैल्यू को बूस्ट करने के लिए किया जाता है. 
  • Scraped content: ऐसी कांटेंट जो की खुद से लिखे गए नहीं होते हैं, बल्कि इन्हें किसी दूसरे जगह से चुराया गया होता है और अपने ब्लॉग या वेबसाइट में इस्तमाल किया गया होता है.  
  • कुछ ऐसी अफ़िलीयट प्रोग्राम में जोईन होना वो भी बिना किसी प्रकार का जानकारी दिए. कोशिश करें की अपने वेब्सायट के नीचे या पोस्ट में उस अफ़िलीयट प्रोग्राम के विषय में बताएँ यूज़र को और सर्च एंजिन को भी. 
  • अपने पेज को फ़ालतू के कीवर्ड से लोड करना, जो की किसी भी प्रकार से सम्बंधित ना हो आपके कांटेंट से.
  • ऐसे पेज तैयार करना जिसमें की वाइरस, ट्रोजन, फ़िशिंग जैसे तकनीक का इस्तमाल किया गया हो. 
  • Structured data markup को तोड़ मरोड़ करना अपने फायिदे के लिए. 
  • गूगल को automated queries भेजना, ग़लत ढंग से.

सही तकनीक का इस्तमाल करें अपने साइट पर

  • अपने साइट को थोड़ा ध्यान दें की, वहीं किसी प्रकार का हैकिंग का आभास हुआ तब आपको उन hacked कांटेंट को निकाल फेंकना चाहिए.  
  • अपने साइट से यूज़र जेनरेटेड स्पैम को हटाएँ. 

गूगल वेबमास्टर गाइड्लायन की कुछ महत्वपूर्ण बातें

गूगल ने ब्लॉगर्स को अपने ब्लॉग पोस्ट लिखने और उसे रैंक कराने के लिए कुछ गाइडलाइंस दिया है.
जिसमें उन्होंने निम्नलिखित बातें कही है.

  • गूगल को आपके वेबसाइट के पेज खोजने में सहायता करें.
  • विजीटर्स को आपके वेबसाइट का उपयोग करने में सहायता करें.
  • मुख्य रूप से यूजर के लिए वेबसाइट के पेज बनाएं, सर्च इंजन के लिए नहीं.
  • अपने उपयोगकर्ताओं को धोखा न दें.
  • सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार करने के इरादे से ट्रिक्स से बचें.
  • अपनी वेबसाइट को अद्वितीय, मूल्यवान या आकर्षक बनाने के बारे में सोचें.
  • आपकी साइट पर उपयोगकर्ता द्वारा जनरेट किए गए स्पैम को रोकें और हटाएं.
  • अपनी साइट को हैक होने से बचाएं.
  • स्वचालित रूप से उत्पन्न सामग्री का उपयोग न करें.
  • Hidden लिंक का प्रयोग न करें.
  • स्ट्रकचर्ड डेटा मार्कअप का दुरुपयोग न करें.

गूगल वेबमास्टर गाइड्लायन इस्तमाल करने का मुख्य उद्देस्य क्या है?

गूगल द्वारा इन वेबमास्टर गाइड्लायन बनाने का मुख्य उद्देस्य ये है की वेब मास्टर को ये भली भाँति पता हो की उन्हें कैसे प्रकार के कांटेंट लिखने हैं. साथ में किन चीजों से उन्हें दूर रहना है. गूगल या कोई दूसरा सर्च एंजिन हमेशा चाहता है की वो अपने यूज़र को सही कांटेंट प्रदान करें. 

वहीं इसके इस्तमाल से आप अपने ब्लॉग या वेब्सायट को सर्च रैंकिंग में ऊपर ला सकते हैं. साथ में गूगल का आपके वेबसाइट के ऊपर ट्रस्ट बढ़ जाएगा. जिससे आगे चलकर आपको बहुत मदद मिल सकती है. 

साथ में सर्च एंजिन चाहते हैं की आप वेबमास्टर SEO के ऊपर काम ध्यान देकर, यूज़र इंटेंट के ऊपर ज़्यादा ध्यान दो. जो की सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है यूज़र के लिए.  

क्या होगा अगर कोई इन गूगल वेबमास्टर गाइड्लायन का पालन ना करे?

अगर कोई वेबसाइट इन गूगल वेबमास्टर गाइड्लायन का पालन ना करें तब उनके पूरे साइट को गूगल पेनल्टी प्रदान कर सकता है. जिससे उनका साइट एकदम से सर्च पेज से विलुप्त हो जाएगा.

इसलिए बेहतर इसी में है की आप इन गाइड्लायन का सही ढंग से पालन करें जिससे आगे चलकर आपको किसी भी प्रकार का हानि उठाना ना पड़े. 

गूगल वेबमास्टर गाइड्लायन का महत्व क्या है ?

गूगल वेबमास्टर गाइड्लायन हमें बताते हैं की गूगल सर्च इंजन को क्या बात पसंद है और क्या नहीं। ये नियम वेबमास्टरों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं कि वेबसाइटों को कैसे अनुकूलित किया जा सकता है ताकि उन्हें सर्च इंजन आसानी से खोज पाएँ।

Google Webmaster Guidelines का उल्लंघन करने पर क्या हो सकता है ?

यदि वेबमास्टर्स Google के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं, तो परिणाम individual URLs पर अस्थायी penalty लग सकती है या फिर आपके पूरे डोमेन को इंडेक्स से बहिष्करण तक हो सकता है।

Reconsideration Request क्या होते हैं ?

यदि कोई वेबमास्टर किसी तरह से Google Webmaster Guidelines का पालन नहीं करता है तब Google Search Console उन वेबमास्टर को penalties के बारे में hints प्रदान करता है, जैसे की unnatural links इत्यादि। ऐसे में webmasters इस्तमाल करते हैं “Reconsideration Request” जिससे की वो दुबारा से URLs को re check करने के लिए Google Search Console को कह सकें।

SEO फ्रेंडली कंटेंट लिखने के फायदे

आप एसईओ के जरिए कंटेंट को सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ कर रहे है. जिसके बहुत सारे फायदे है. जैसे कि, साइट का ट्रैफिक बढ़ेगा, आपका आर्टिकल सर्च करने पर गूगल के पहले पेज पर आयेगा.

आपकी वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा विजिटर्स आयेंगे. आपके वेबसाइट कि रैंकिंग बढ़ेगी. यह सब एसईओ के फायदे है.

इसके जरिए विजिटर्स को अच्छी कंटेंट चाहिए वह कंटेंट गूगल यूजर्स को दे पाएगा. इससे आपकी इनकम में तेजी से चढ़ाव आयेगा.

अंतिम शब्द

गूगल वेबमास्टर गाइड्लायन का पालन करना सबसे ज़रूरी बात है यदि आप सच में चाहते हैं अपने आर्टिकल को गूगल के सर्च रेज़ल्ट्स में रैंक करना. क्यूँकि आख़िर में ये क्वालिटी आर्टिकल गाइड्लायन गूगल के द्वारा ही जारी की गयी है. तो ये जायज़ सी बात है की आपको भी गूगल द्वारा निर्देशित चीजों को ठीक से पालन करना होगा.

आपको चीजों को बेहतर रूप से समझाने के लिए मैंने सभी नियमों को आसान भाषा में बताने की कोशिश करी है. एक बात मन में गाँठ बाँध लाइन की आपको भी इन नियमों का ज़रूर से पालन करना है जब कभी भी आप कोई आर्टिकल पब्लिश करने का सोचें.

अगर आपको मेरी यह आर्टिकल गूगल आर्टिकल गाइड्लायन की जानकारी पसंद आई और आपको कुछ नयी जानकारी पढने को मिली हो तब आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है. अगर आपका कुछ सुझाव है तो निचे कमेंट करिए और मेरे साथ YouTube और Instagram पे जुड़िये.